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NewsDate
9/20/2025 8:22:00 AM
Place
Yamunanagar
Source
news
Grade
a
Main_Topic
मुख्य मुद्दा: झंजरौली ब्लॉक समिति फंड में करोड़ों की हेराफेरी का आरोप सामने आया है। समिति सदस्य मेनका देवी का दावा है कि कई गांवों में कागज़ों पर विकास कार्य दिखाए गए लेकिन ज़मीन पर कुछ नहीं हुआ। यह खुलासा बीडिपीओ कार्यालय से मिली आरटीआई सूचनाओं और लंबित जवाबों से हुआ। प्रशासन ने जांच बैठा दी है, पर एक साल से अधिक समय से ठोस कार्रवाई न होने पर सवाल उठ रहे हैं।
Incident
घटनाक्रम: समिति सदस्य का आरोप—“कई गांवों में कागज़ी काम, जमीनी काम शून्य; आरटीआई में गोलमाल पकड़ा गया।” शिकायतें CM विंडो, SDO, ADC और निदेशालय तक दर्ज; फिर भी कार्रवाई टली। समिति अध्यक्ष का पलटवार—“काम हुए हैं, प्रूफ दिए; सदस्य अपने खाते में फंड चाहती थी।” बीडिपीओ का बयान—“एसडीएम के समक्ष रिकॉर्ड प्रस्तुत; कुछ मामलों में बिल/एमबी/एस्टिमेट 10–11 दिन में उपलब्ध कराए जाएंगे।” जठेड़ी में स्वीकृत ‘टॉयलेट’ कार्य—मौके पर पहले से बना मिला, इसलिए भुगतान/कार्य रोका गया। पूरे प्रकरण पर औपचारिक जांच आदेश—परिणाम प्रतीक्षित; 10 दिन की समय-सीमा बताई गई।
Background
मुद्दे का पूर्व विवरण: ब्लॉक समिति फंड ग्रामीण विकास का प्रमुख साधन है—छोटे सार्वजनिक कार्य, सफाई, जल निकासी, आंगनवाड़ी/स्कूल मरम्मत आदि। पारदर्शिता के लिए मस्टर रोल, एमबी, फोटोग्राफिक एविडेंस, जियो-टैगिंग और पंचायत ठहराव जरूरी होते हैं। जहां कार्य कागज़ों में दिखाए जाएं और स्थल पर न मिलें, वह वित्तीय/प्रक्रियात्मक अनियमितता मानी जाती है। इसलिए टाइम-बाउंड सोशल ऑडिट और सार्वजनिक डिस्क्लोज़र अनिवार्य हैं।
AffectedClasses
प्रभावित वर्ग: झंजरौली ब्लॉक के ग्रामीण व पंचायतें लाभार्थी संस्थान—स्कूल, आंगनवाड़ी, सामुदायिक स्थल महिला/युवा समूह—जिनके प्रोजेक्ट फंड रुके या गलत उपयोग हुए ईमानदार ठेकेदार/सप्लायर—जिन पर भुगतान/क्लियरेंस अटके
Strategy
रणनीति एवं संगठनात्मक कार्य योजना: 24 घंटे – आरटीआई दस्तावेज़, एमबी, बिल, जियोटैग्ड फोटो व साइट-इंस्पेक्शन की समेकित डोज़ियर तैयार; 10 प्रमुख साइटों का फ़्लैश-ऑडिट। 2 दिन – सार्वजनिक सोशल ऑडिट सभा (गांव-वार), “किस काम पर कितना खर्च?” दीवार-पोस्टर/सूचना-पट्ट। 3–5 दिन – जिला मुख्यालय पर दस्तावेज़ी प्रेस ब्रीफिंग; SDO/BDPO/EO को नोटिस-जैसा प्रश्नावली; ठेकेदार/सप्लायर क्रॉस-वेरिफिकेशन। साइट पर “पहले/बाद में” फोटो एलबम व नक्शा-पिन (गांव, खसरा, लोकेशन) जारी; हेल्पलाइन/व्हाट्सऐप नंबर पर साक्ष्य आमंत्रित। प्रत्येक गांव में 5 सदस्यीय निगरानी समिति—महिला/युवा/पूर्व-सैनिक/शिक्षक प्रतिनिधित्व अनिवार्य। 15 दिन बाद ‘व्हाइट पेपर’—काम, लागत, गुणवत्ता, देरी, जवाबदेही का सार-रिपोर्ट।
Strategy1
Strategy2
Strategy3
Strategy4
Question_To_Govt
सरकार से सवाल: जिन कार्यों का भुगतान हुआ, उनके एमबी/फोटो/जियो-टैग सार्वजनिक क्यों नहीं? एक साल से शिकायतों के बावजूद फौरी कार्रवाई क्यों नहीं हुई? जठेड़ी ‘टॉयलेट’ मामले में ज़िम्मेदार अधिकारी/एजेंसी पर FIR कब? ब्लॉक-वार सोशल ऑडिट और ई-एमबी/ई-टेंडर डेटा रियल-टाइम पब्लिक क्यों नहीं? दोषियों से रिकवरी व भविष्य में ब्लैकलिस्टिंग की स्पष्ट समय-सीमा क्या?
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Social_Media
सोशल मीडिया हैशटैग: फेसबुक: #BlockFundScam #YamunanagarAudit #RTI_Exposed ट्विटर: #AuditNow #ShowTheMB #PublicMoneyPublicRight इंस्टाग्राम: #StopFundLoot #VillageFirst #Accountability
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Press_Release
प्रेस रिलीज़ (लगभग 200 शब्द): यमुनानगर के झंजरौली ब्लॉक में विकास के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई लूटी जा रही है। कागज़ों में सड़कें, टॉयलेट और सामुदायिक सुविधाएं दिखाकर करोड़ों का फंड उड़ाया गया—जबकि ज़मीन पर कई जगह एक ईंट तक नहीं लगी। आरटीआई से सच बाहर आया, फिर भी कार्रवाई फाइलों में दबी रही। यह प्रशासनिक मिलीभगत और राजनीतिक संरक्षण का खुला प्रमाण है। जनता पूछती है—एमबी कहाँ है? जियो-टैग्ड फोटो कहाँ हैं? भुगतान किस आधार पर हुआ? हम साफ चेतावनी देते हैं: 10 दिन की घोषित समय-सीमा के भीतर हर काम का पूरा रिकॉर्ड—एमबी, बिल, फोटोग्राफ, लोकेशन—सार्वजनिक पोर्टल पर अपलोड किया जाए; जठेड़ी जैसे मामलों में तत्काल FIR, रिकवरी और दोषियों की ब्लैकलिस्टिंग हो। ब्लॉक फंड जनता का है—किसी कुर्सी का नहीं। अब लीपापोती नहीं चलेगी। अगर सरकार-प्रशासन ने चोरी पर पर्दा डालने की कोशिश की, तो जिला मुख्यालय से लेकर चंडीगढ़ तक व्यापक जनअभियान छेड़ा जाएगा। यह लड़ाई हर गांव की इज़्ज़त और हर रुपये की ईमानदारी की है—पीछे नहीं हटेंगे।
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Video_Advice
ग्राफिक्स / वीडियो सुझाव: “कागज़ बनाम ज़मीन”—प्रोजेक्ट-वार कार्ड: स्वीकृत राशि, दावा, साइट फोटो (0/100 प्रोग्रेस बार)। गांव-मैप इन्फोग्राफिक: किस गांव में कौन-सा काम, कितनी राशि, सत्यापन स्थिति। “10 दिन की उलटी गिनती”—डिजिटल टाइमर पोस्ट/रील्स।
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Press_Conference
ग्राउंड इवेंट / प्रेस कॉन्फ्रेंस: स्थान: यमुनानगर जिला मुख्यालय (खुले मंच/समुदाय भवन) तारीख: 22 सितम्बर 2025 वक्ता: गांव-वार निगरानी समिति प्रतिनिधि, तकनीकी विशेषज्ञ (सिविल/ऑडिट) उद्देश्य: दस्तावेज़ी साक्ष्य सार्वजनिक करना, समय-सीमा तय कराना, जिम्मेदारियों का नाम उजागर करना।
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Public_Meetings
जनसभा में कहने योग्य लाइन (ग्राफिक्स कैप्शन के रूप में): “जनता का पैसा—जनता का हक़; हर रुपये का हिसाब दो!”
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Question_In_Assembly
प्रेस/ जनसभा में सरकार से सवाल: सभी भुगतानों के एमबी/बिल/फोटो आज ही पोर्टल पर अपलोड क्यों नहीं? फर्जी/डुप्लीकेट कार्यों में भुगतान किसने और किस तारीख को स्वीकृत किया? जठेड़ी मामले में तकनीकी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं? जिम्मेदार अधिकारियों/एजेंसियों पर नामजद FIR व रिकवरी कब तक? ब्लॉक फंड के लिए बाध्यकारी सोशल ऑडिट और जियो-टैगिंग SOP की अधिसूचना कब?
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