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NewsModel
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NewsDate
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9/21/2025 10:44:00 AM
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Place
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Kaithal
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Source
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news
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Grade
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a
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Main_Topic
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मुख्य मुद्दा: कैथल मंडी में धान लेकर पहुंचे किसानों को सरकारी खरीद शुरू न होने के कारण मजबूरी में कम दामों पर फसल बेचनी पड़ रही है। एमएसपी ₹2379 प्रति क्विंटल तय है लेकिन किसानों को केवल ₹2000–2050 तक ही दाम मिल रहे हैं। अधूरी तैयारियों से किसान और आढ़ती दोनों परेशान हैं।
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Incident
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घटनाक्रम: प्रशासन ने 1 अक्टूबर से धान खरीद शुरू करने की बात कही। किसान बोले – इंतजार नहीं कर सकते, फसल खराब होने का खतरा। एमएसपी 2379 तय है, पर बाजार में 2000–2050 तक ही भाव मिल रहे हैं। आढ़तियों ने भी प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए। मंडी में आवक बढ़ते ही सड़कें तोड़कर मरम्मत शुरू, अव्यवस्था और बढ़ी। किसानों ने मांग की – सरकारी खरीद तुरंत शुरू हो।
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Background
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मुद्दे का पूर्व विवरण: हरियाणा में धान खरीद का सीजन हर साल तय रहता है। चौधरी देवीलाल और चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के समय किसानों को समय पर एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित की जाती थी। मौजूदा सरकार समय पर तैयारी करने में नाकाम रही है।
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AffectedClasses
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प्रभावित वर्ग: धान किसान आढ़ती मंडी मजदूर स्थानीय उपभोक्ता
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Strategy
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रणनीति एवं संगठनात्मक कार्य योजना: 24 घंटे – मंडी का दौरा कर किसानों से मुलाकात, वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालना। 2 दिन – प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर तुरंत खरीद शुरू करने की मांग। 3-5 दिन – सभी जिलों की मंडियों से रिपोर्ट लेकर राज्यव्यापी आंदोलन का ऐलान। आढ़ती संघ और किसान संगठनों को साथ जोड़ना। खरीद में देरी से होने वाले नुकसान का आंकड़ा पेश कर सरकार पर दबाव। चौधरी देवीलाल की किसान नीतियों से तुलना कर जनसभा में मुद्दा उठाना।
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Strategy1
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Strategy4
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Question_To_Govt
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सरकार से सवाल: जब धान खरीद का सीजन तय था तो तैयारी समय पर क्यों नहीं हुई? किसानों को एमएसपी से कम दाम पर बेचने की मजबूरी क्यों? मंडी में अव्यवस्था और सड़कों की मरम्मत खरीद सीजन के बीच ही क्यों शुरू की गई? क्या सरकार 25 सितम्बर से खरीद शुरू करेगी? इस सीजन की कम पैदावार के बावजूद किसानों को पूरा एमएसपी दिलाने की गारंटी कब?
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सोशल मीडिया हैशटैग: फेसबुक: #धानखरीदशुरूकरो #किसानकीआवाज #कैथल ट्विटर: #MSPForFarmers #PaddyPurchase #Kaithal इंस्टाग्राम: #धानमंडीसंघर्ष #किसाननुकसान #हरियाणा
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Press_Release
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प्रेस रिलीज़ कैथल मंडी में किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। सरकारी खरीद शुरू न होने से मजबूर किसान अपनी उपज एमएसपी से 300 रुपये प्रति क्विंटल कम पर बेचने को विवश हैं। सरकार ने 1 अक्टूबर से खरीद की बात कही है, जबकि फसल पहले ही मंडियों में पहुंच चुकी है। इस देरी से किसान भारी नुकसान झेल रहे हैं। आढ़ती भी प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं – धान का सीजन पहले से तय था, फिर भी मंडियों में सड़क मरम्मत जैसे काम अब शुरू किए गए हैं। किसान संगठनों ने साफ कहा है कि अगर खरीद तुरंत शुरू न हुई तो आंदोलन तेज होगा। यह वही सरकार है जिसने हर मौके पर किसानों के साथ धोखा किया है। जब चौधरी देवीलाल और चौधरी ओमप्रकाश चौटाला किसानों के हक में खड़े थे, तब हरियाणा की मंडियों में समय पर खरीद और किसानों को सही भाव की गारंटी दी जाती थी। आज किसान सड़क पर हैं और सरकार सो रही है। हम मांग करते हैं कि 25 सितम्बर से हर हाल में खरीद शुरू हो और किसानों को एमएसपी का पूरा लाभ मिले।
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Video_Advice
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ग्राफिक्स / वीडियो सुझाव: मंडी में धान के ढेर और परेशान किसान। एमएसपी रेट बनाम वर्तमान बाजार रेट का चार्ट। चौटाला काल की तुलना – “तब समय पर खरीद, आज किसानों की दुर्दशा।”
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Press_Conference
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ग्राउंड इवेंट / प्रेस कॉन्फ्रेंस: स्थान: कैथल अनाज मंडी तारीख: 22 सितम्बर 2025 वक्ता: किसान संगठन नेता, पार्टी प्रतिनिधि उद्देश्य: सरकारी खरीद तुरंत शुरू करने की मांग और एमएसपी पर जोर
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जनसभा में कहने योग्य लाइन: "धान मंडी में किसानों को लूटने वाली सरकार जवाब दो – एमएसपी हमारा हक है,施施施 हम लेंगे हर हाल में!"
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प्रेस/जनसभा में सरकार से सवाल: क्या सरकार मानती है कि किसानों को एमएसपी से कम दाम मिल रहे हैं? समय पर खरीद शुरू करने में लापरवाही क्यों? मंडियों की अव्यवस्था से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा? क्या सरकार 25 सितम्बर से खरीद शुरू करेगी?
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